उदयपुर में घूमने के लिए शीर्ष 10 स्थान | राजस्थान न्यूज़

उदयपुर का इतिहास :- उदयपुर, जिसे "सूर्योदय का शहर" भी कहा जाता है, 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय द्वारा स्थापित किया गया था। उन्होंने चित्तौड़गढ़ से अपनी राजधानी को यहाँ स्थानांतरित किया था। यह शहर मेवाड़ साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी थी। उदयपुर अपनी झीलों, महलों और संस्कृति के लिए जाना जाता है। 1818 तक यह शहर राजधानी बना रहा, जब मेवाड़ एक ब्रिटिश रियासत बन गया, और बाद में 1947 में भारत को स्वतंत्रता  मिलने पर मेवाड़ प्रांत राजस्थान का हिस्सा बन गया। उदयपुर को कई नामों से जाना जाता है, 

  • झीलों का शहर
  • पूरब का वेनिस
  • राजस्थान का कश्मीर

उदयपुर में घूमने के लिए शीर्ष 10 स्थान :-  

1 उदयपुर का सिटी पैलेस :-  भारत के सबसे बड़े महलों में से एक है

  • ऐतिहासिक महत्व:
    • यह मेवाड़ साम्राज्य के शासकों का निवास स्थान था।
    • इसका निर्माण महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने 1559 में शुरू करवाया था।
    • यह महल कई शताब्दियों में विभिन्न शासकों द्वारा निर्मित कई भवनों का एक समूह है।
  • वास्तुकला:
    • यह महल राजस्थानी और मुगल वास्तुकला का एक अद्भुत मिश्रण है।
    • इसमें जटिल नक्काशी, सुंदर कलाकृतियाँ और शानदार दरबार हॉल हैं।
    • यहाँ पर आपको शीश महल, मोती महल, दिलकुश महल और फतेह प्रकाश पैलेस देखने को मिलेंगे।
  • आकर्षण:
    • यह महल पिछोला झील के किनारे स्थित है, जो इसे और भी खूबसूरत बनाता है।
    • यहाँ पर एक संग्रहालय भी है, जिसमें मेवाड़ के शासकों से संबंधित कई ऐतिहासिक वस्तुएँ प्रदर्शित हैं।
    • यहाँ पर मोर चौक भी है जो कि अपनी बेहतरीन कारीगरी के लिए विख्यात है।

सिटी पैलेस उदयपुर के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, और यह इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थान है।

 

2 सहेलियों की बाड़ी:-  सहेलियों की बाड़ी उदयपुर का एक प्रमुख और लोकप्रिय उद्यान है। इसकी कुछ खास बातें इस प्रकार हैं:

  • इतिहास:
    • इसका निर्माण महाराणा संग्राम सिंह ने करवाया था।
    • यह उद्यान शाही महिलाओं के लिए बनवाया गया था, और इसका नाम "सहेलियों की बाड़ी" इसलिए पड़ा क्योंकि यह उनकी सहेलियों के लिए एक पसंदीदा स्थान था।
    • कहा जाता है कि इसे महाराणा संग्राम सिंह ने अपनी रानी और उनकी 48 सहेलियों के लिए बनवाया था।
  • आकर्षण:
    • यह उद्यान अपने सुंदर फव्वारों, तालाबों, और हरे-भरे बगीचों के लिए जाना जाता है।
    • यहाँ पर कमल के ताल एवं फूल है साथ ही संगमरमर के मंडप और हाथी के आकार के फव्वारे है जो कि अभूतपूर्व लगते हैं।
    • यहाँ पर एक संग्रहालय भी है, जहाँ आप शाही महिलाओं के जीवन से जुड़ी कलाकृतियाँ देख सकते हैं।
    • यह स्थान अपनी सुन्दरता के कारण पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
  • वास्तुकला:
    • सहेलियों की बाड़ी का निर्माण हिन्दू और मुघल वास्तुकला से बनाया गया है।
    • यह जगह लगभग 6.5 एकड़ में फैली हुई है।

सहेलियों की बाड़ी उदयपुर के सबसे खूबसूरत और शांत स्थानों में से एक है,

3 जग मंदिर आइलैंड पैलेस:- 

जग मंदिर आइलैंड पैलेस उदयपुर के पिछोला झील में स्थित एक खूबसूरत महल है।

  • इतिहास:
    • इसका निर्माण 17वीं सदी में मेवाड़ के महाराणा कर्ण सिंह और महाराणा जगत सिंह ने करवाया था।
    • यह महल मुगल राजकुमार खुर्रम (शाहजहाँ) को शरण देने के लिए भी जाना जाता है।
  • आकर्षण:
    • यह महल अपनी सुंदर वास्तुकला, संगमरमर के काम और हरे-भरे बगीचों के लिए प्रसिद्ध है।
    • इस महल को लेक गार्डन पैलेस के नाम से भी जाना जाता है।
    • इस महल में गुल महल, बारह पत्थरों का महल, जनाना महल, कुंवर पाडा का महल और गार्डन ऑफ फ्लावर्स प्रमुख आकर्षण हैं।
    • यहां से पिछोला झील और आसपास के पहाड़ों का शानदार नजारा दिखाई देता है।
  • वास्तुकला:
    • यह महल राजस्थानी और मुगल वास्तुकला का एक अद्भुत मिश्रण है।
    • इस महल को मकराना के मार्बल से बनाया गया है।
    • इसके चारों ओर शांत जल और हरी-भरी हरियाली है, जो एक शांत वातावरण प्रदान करती है।

जग मंदिर आइलैंड पैलेस उदयपुर के सबसे रोमांटिक और शांत स्थानों में से एक है, और यह अपनी सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।

 

4 नवलखा महल (सत्यार्थ प्रकाश न्यास):- 

नवलखा महल, जिसे सत्यार्थ प्रकाश न्यास के नाम से भी जाना जाता है, उदयपुर के गुलाब बाग के केंद्र में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है।

  • ऐतिहासिक महत्व:
    • यह महल 19वीं शताब्दी में बनाया गया था।
    • यह आर्य समाज के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है।
    • महर्षि दयानंद सरस्वती 10 अगस्त, 1882 को उदयपुर आए और लगभग साढ़े छह महीने तक इसी महल में रहे।
    • यहाँ पर ही उन्होंने प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश के लेखन को पूरा किया।
  • वर्तमान स्थिति:
    • वर्तमान में, इस महल का रखरखाव और संरक्षण आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
    • नवलखा महल कभी महाराणा का शाही अतिथि गृह था जिसे सन 1992 में सत्यार्थ प्रकाश न्यास को सौंप दिया गया।
    • यहाँ पर भव्य यज्ञशाला का निर्माण किया गया है।
  • विशेष तथ्य:
    • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष तथा आर्य समाज के 150वें स्थापना वर्ष के अवसर पर आयोजित किए जा रहे |

 

5 शिल्पग्राम:-   शिल्पग्राम उदयपुर का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है, जो भारत की लोक कला और शिल्प को प्रदर्शित करता है।

  • सांस्कृतिक प्रदर्शन:
    • यह स्थान भारत के विभिन्न राज्यों की ग्रामीण कला और शिल्प को प्रदर्शित करता है।
    • यहाँ पर आपको पारंपरिक नृत्य, संगीत और अन्य सांस्कृतिक प्रदर्शन देखने को मिलेंगे।
    • यहाँ पर समय समय पर सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन होता रहता है।
  • कला और शिल्प:
    • शिल्पग्राम में आप विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प, जैसे कि मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की कलाकृतियाँ, और वस्त्र देख सकते हैं।
    • यहाँ पर विभिन्न प्रकार की पारंपरिक झोपड़ियाँ भी हैं, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों की ग्रामीण जीवन शैली को दर्शाती हैं।
    • यहाँ पर हस्तशिल्प की वस्तुएँ खरीदी भी जा सकती हैं।
  • वातावरण:
    • यह स्थान अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे एक शांत और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करता है।
    • शिल्पग्राम लगभग 70 एकड़ भूमि के लहरदार इलाके में फैला हुआ है।
    • यह स्थान पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है, जो भारतीय संस्कृति और कला में रुचि रखते हैं।
  • विशेष आयोजन:
    • यहाँ पर शिल्पग्राम महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश भर के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।

शिल्पग्राम उदयपुर के सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यह भारतीय कला और संस्कृति को करीब से देखने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।

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