जैसलमेर के कुलधरा गांव का आखिर क्या है रहस्य ?

जैसलमेर का कुलधरा गाँव एक रहस्यमयी और भूतिया गाँव है, जिसके बारे में कई मान्यताएँ और ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हैं।
इतिहास:
 * कुलधरा गाँव की स्थापना 13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने की थी।
 * यह गाँव कभी खुशहाल और समृद्ध हुआ करता था, लेकिन 19वीं शताब्दी में यह अचानक खाली हो गया।
 * कहा जाता है कि एक रात गाँव के सभी लोग अचानक गायब हो गए, और किसी को पता नहीं चला कि वे कहाँ गए।
मान्यताएँ:
 * दीवान सलीम सिंह का श्राप:
   * एक मान्यता के अनुसार, जैसलमेर के दीवान सलीम सिंह की बुरी नजर गाँव की एक खूबसूरत लड़की पर पड़ी। वह उससे शादी करना चाहता था, लेकिन गाँव वाले इसके खिलाफ थे।
   * जब सलीम सिंह ने जबरदस्ती करने की कोशिश की, तो गाँव वालों ने रातोंरात गाँव छोड़ दिया और जाते समय श्राप दिया कि यहाँ कोई नहीं बस पाएगा।
 * पानी की कमी:
   * एक अन्य मान्यता के अनुसार, गाँव वालों ने पानी की कमी के कारण गाँव छोड़ दिया था।
 * भूत-प्रेतों का वास:
   * कुछ लोगों का मानना है कि कुलधरा गाँव में भूत-प्रेतों का वास है।
   * यहाँ पर कुछ असाधारण घटनाएँ भी घटित होती हैं।
 * धार्मिक मान्यताएं:
   * कुलधरा गाँव के लोग वैष्णव धर्म के थे।
   * कुलधरा गाँव का मुख्य मन्दिर विष्णु भगवान और महिषासुर मर्दिनी का है।
   * गाँव के लोग विष्णु, महिषासुर मर्दिनी और गणेश जी के अलावा बैल और स्थानीय घोड़े पर सवार देवता की भी पूजा करते थे।
वर्तमान स्थिति:
 * आज कुलधरा गाँव एक वीरान जगह है, जहाँ खंडहरों के अलावा कुछ नहीं बचा है।
 * यह गाँव पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो इसकी भूतिया कहानियों के कारण आकर्षित होते हैं।
 * भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस गाँव को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है।
 * यहाँ पर पर्यटक सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक ही घूम सकते हैं।
कुलधरा गाँव की रहस्यमयी कहानियाँ और मान्यताएँ इसे एक अनोखा और दिलचस्प पर्यटन स्थल बनाती हैं।

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