भानगढ़ किले को क्यों कहते हैं भूतों का घर क्या है सच्चाई इसकी?

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला अपनी भूतिया कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। यह किला 17वीं शताब्दी में राजा माधो सिंह ने बनवाया था।
इतिहास:
 * भानगढ़ किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में आमेर के राजा भगवंत दास के पुत्र राजा माधो सिंह ने करवाया था।
 * माधो सिंह, अकबर के नवरत्नों में से एक मान सिंह के छोटे भाई थे।
 * यह किला अपनी वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है, जिसमें मंदिर, महल और हवेलियाँ शामिल हैं।
मान्यताएँ:
 * तांत्रिक का श्राप:
   * एक मान्यता के अनुसार, भानगढ़ किले के पास रहने वाले तांत्रिक सिंघिया को राजकुमारी रत्नावती से प्रेम हो गया था।
   * जब तांत्रिक ने राजकुमारी को मोहित करने की कोशिश की, तो राजकुमारी ने उसे पहचान लिया और उसे मार डाला।
   * मरते समय तांत्रिक ने किले को श्राप दिया कि यह किला नष्ट हो जाएगा और यहाँ कोई नहीं रह पाएगा।
 * साधु का श्राप:
   * एक अन्य मान्यता के अनुसार, किले का निर्माण एक साधु की अनुमति से किया गया था, जिन्होंने शर्त रखी थी कि किले की छाया उनके ध्यान स्थल पर नहीं पड़नी चाहिए।
   * जब किले की छाया ध्यान स्थल पर पड़ी, तो साधु ने किले को श्राप दिया।
 * भूतिया गतिविधियाँ:
   * स्थानीय लोगों का मानना है कि भानगढ़ किले में भूतिया गतिविधियाँ होती हैं।
   * यहाँ अजीब आवाजें सुनाई देती हैं और परछाइयाँ दिखाई देती हैं।
   * भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किले में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भानगढ़ का किला न केवल अपनी भूतिया कहानियों के लिए, बल्कि अपनी ऐतिहासिक और वास्तुशिल्प महत्व के लिए भी जाना जाता है।

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