राजस्थान का एक ऐसा गांव जहां लोगों के गवर्नमेंट जॉब होने के बाद भी कच्चे मकान में रहते हैं वजह जानकर

देवमाली गाँव राजस्थान के ब्यावर जिले में स्थित है। यह गाँव अपनी अनूठी विशेषताओं और मान्यताओं के लिए जाना जाता है।
विशेषताएं:
 * कच्चे मकान:
   * इस गाँव की सबसे खास बात यह है कि यहाँ के सभी मकान कच्चे हैं। यहाँ के लोग आज भी पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए मिट्टी और पत्थर से बने घरों में रहते हैं।
 * देवनारायण भगवान में आस्था:
   * देवमाली गाँव के लोग भगवान देवनारायण में गहरी आस्था रखते हैं। उनकी मान्यता है कि भगवान देवनारायण की कृपा से ही गाँव सुरक्षित और समृद्ध है।
 * देवनारायण मंदिर:
   * गाँव की पहाड़ी पर भगवान देवनारायण का एक प्राचीन मंदिर है, जो लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
 * सरल जीवनशैली:
   * देवमाली गाँव के लोग सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। यहाँ की शांति और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है।
 * सांस्कृतिक विरासत:
   * देवमाली गांव की समृद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक विरासत पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
 * भारत का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव:
   * देवमाली गांव को भारत का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव भी घोषित किया जा चुका है।
 * इस गांव में कोई भी व्यक्ति शराब का सेवन या मांसाहारी खाना नहीं खाता है, जो इसकी पारंपरिक जीवनशैली को दर्शाता है।
 * यह गांव गुर्जर समाज के आस्था का प्रमुख केंद्र है।
मान्यताएं:
 * भूमि का स्वामित्व:
   * इस गांव की सारी जमीन भगवान देवनारायण के नाम पर ही है। गांव के किसी भी व्यक्ति के नाम जमीन का कोई भी अंश नहीं है।
 * भगवान देवनारायण के इस प्राचीन मंदिर में कोई पुजारी नहीं है, पूरा गांव बारी-बारी से पुजारी का कार्य करता है।
 * यह भी मान्यता है की यहां पर पक्के मकान नही बनाए जाते है, यदि कोई बनाता है तो वो अपने आप ही गिर जाता है।
 * इस गांव के लोग देवनारायण जी को भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं।
 * इस गांव में पिछले 50 वर्षों में किसी भी घर में चोरी नहीं हुई है, इसलिए यहां के घरों में कभी कोई ताला नहीं लगाता। यह गांव अपराध मुक्त है।

Share on WhatsApp

No comments yet.

Leave a Comment: